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Question 1
श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत −(क) सीमन्तिनीषु का ———————राजा ——————— गुणोत्तम: ।
(ख) कं सञ्जघान ——————— का ——————— गङ्गा?
(ग) के ——————— कं ——————— न बाधते शीतम् ।।
(घ) वृक्षाग्रवासी न च ———————, ——————— न च शूलपाणि ।
Answer:
(क) सीमन्तिनीषु का शान्ता राजा कोऽभूत् गुणोत्तम: ।(ख) कं सञ्जघान कृष्ण: का शीतलवाहिनी गङ्गा?
(ग) के दारपोषणरता: कं बलवन्तं न बाधते शीतम् ।।
(घ) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराज, त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणि: ।
Question 2
श्लोकांशान् योजयत −
क
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ख
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(क)
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किं कुर्यात् कातरो युद्धे
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मृगात् सिंह: पलायते।
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(ख)
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विद्वद्भि: का सदा वन्घा
|
अत्रैवोक्तं न बुध्यते।
|
(ग)
|
कं सञ्जघान कृष्ण:
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काशीतलवाहिनी गङ्गा।
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(घ)
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कथं विष्णुपदं प्रोक्तं
|
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
|
Answer:
क
|
ख
| |
(क) |
किं कुर्यात् कातरो युद्धे
|
अत्रैवोक्तं न बुध्यते।
|
(ख) |
विद्वदभि: का सदा वन्घा
|
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
|
(ग) |
कं सञ्जघान कृष्ण
|
मृगात् सिंह: पलायते।
|
(घ) |
कथं विष्णुपदं प्रोक्तं
|
काशीतलवाहिनी गङ्गा।
|
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Question 3
उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं न इति लिखत −
यथा-सिंह: करिणां कुलं हन्ति।
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आम्
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(क)
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कातरो युद्धे युद्धयते।
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–
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(ख)
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कस्तूरी मृगात् जायते।
|
–
|
(ग)
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मृगात् सिंह: पलायते
|
–
|
(घ)
|
कंस: जघान कृष्णम्।
|
–
|
(ङ)
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तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
|
–
|
(च)
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जयन्त: कृष्णस्य पुत्र।
|
–
|
Answer:
यथा-सिंह: करिणां कुलं हन्ति।
|
आम्
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(क)
|
कातरो युद्धे युद्धयते।
|
न
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(ख)
|
कस्तूरी मृगात् जायते।
|
आम्
|
(ग)
|
मृगात् सिंह: पलायते
|
न
|
(घ)
|
कंस: जघान कृष्णम्।
|
न
|
(ङ)
|
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
|
आम्
|
(च)
|
जयन्त: कृष्णस्य पुत्र।
|
न
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Question 4
अधोलिखितानां पदानां लिङ्गं विभक्ति वचनञ्च लिखत −पदानि | लिङ्गम् | विभक्ति: | वचनम् | |
यथा-करिणाम् | पुँल्लिङ्गम् | षष्ठी | बहुवचनम् | |
कस्तूरी | ——————— | ——————— | ——————— | |
युद्धे | ——————— | ——————— | ——————— | |
सीमन्तिनीषु | ——————— | ——————— | ——————— | |
बलवन्तम् | ——————— | ——————— | ——————— | |
शूलपाणि: | ——————— | ——————— | ——————— | |
शक्रस्य | ——————— | ——————— | ——————— |
Answer:
पदानि | लिङ्गम् | विभक्ति: | वचनम् | |
यथा-करिणाम् | पुँल्लिङ्गम् | षष्ठी | बहुवचनम् | |
कस्तूरी | स्त्रीलिङ्गम् | प्रथमा | एकवचनम् | |
युद्धे | पुँल्लिङ्गम् | सप्तमी | एकवचनम् | |
सीमन्तिनीषु | स्त्रीलिङ्गम् | सप्तमी | बहुवचनम् | |
बलवन्तम् | पुँल्लिङ्गम् | द्वितीया | एकवचनम् | |
शूलपाणि: | पुँल्लिङ्गम् | प्रथमा | एकवचनम् | |
शक्रस्य | पुँल्लिङ्गम् | षष्ठी | एकवचनम् |
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Question 5
कोष्ठकान्तर्गतानां पदानामुपयुक्तविभक्तिप्रयोगेन अनुच्छेदं पूरयत −एक: काक: ——————— (आकाश) डयमान: आसीत्। तृषार्त: स: ——————— (जल) अन्वेषणं करोति। तदा स: ——————— (घट) अल्पं ——————— (जल) पश्यति। स ——————— (उपल) आनीय ——————— (घट) पातयति। जलं ——————— (घट) उपरि आगच्छति। ——————— (काक) सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति।
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