Tuesday, July 21, 2020

NCERT class 9 English Moments Chapter 1 summary The Lost Child (notes) explained (translation) in hindi



The Lost Child Summary In English

The child goes to the fair
It was the spring fair. All the people were going to it. Some walked. Some rode on horses, some in bullock carts. The little child ran with his parents. He was overjoyed. When he remained behind, his father asked him to come. He remained behind to see the toys in the shops. The little boy wanted the toy. But his parents couldn’t buy it. So they asked him to look at other things.
Other things attract the child
It was the season of mustard flowering. The fields looked gold with it. The dragon-flies were fluttering over the mustard flowers. The child tried to catch one of them. But he was called by his mother. He ran gaily towards his parents. He heard the dove cooing. He had picked up the petals in the grove then. He also ran round the banyan tree. But again he was called by his parents.
The child with parents reaches the fair
Soon the child reached the fair. He heard a sweetmeat seller calling ‘gulab-jamun, rasogulla, burfi, jalebi’. The sweet shop was greatly decorated with different sweets. Seeing the sweets, the child’s mouth watered. He said, ‘I want that burfi’. ‘Burfi’ was his favourite sweet. But his saying so was unheeded.
Various scenes of the fair
The child went ahead with his parents. He heard a flower-seller saying ‘A garland of gulmohur’. The child went to the flower basket. He wanted a garland. But he knew his parents would refuse to buy him that. So he moved on. Then he saw a balloon seller. He had balloons of various colours. The child knew his parents would not buy him a balloon. So he walked on farther.
The child is lost
The child then saw a snake-charmer. He was playing a flute to a snake. He went near the snake-charmer. But he knew that his [ parents had asked him not to hear such music. So he went ahead. Then he saw a merry-go-round. Men, women, children etc, were enjoying a ride on it. The child called, “I want to go on the roundabout, please, Father, Mother”. But there was no reply. The child had been lost.
The child in a very bad shape .
A full deep cry rose within the child’s deep throat. He cried, “Mother, Father”. Tears ” rolled down his eyes. He cried and cried and ran to and fro. But he couldn’t see his parents. People laughed hnd talked. Then he ran to a shrine. There was a big crowd there. The child went a bit ahead between the people’s feet. But he was pushed back. A man heard his cry. He lifted him up in his arms.
The man tries to locate the child’s parents
The man asked the child how he got there. He also asked him the names of his parents. But the child only said, “I want my father”. The man took the child to the merry-go-round. He asked him if he wanted to ride on the horse. But the child said only that he wanted his mother. Then the man asked him if he would take a balloon. But the child sobbed and sobbed. He wanted his father and mother only.
The child is taken to the flower-seller and sweetmeat shop
The man then took the child to the flower- seller. He asked him if he would like to put a flower garland round his neck. The child turned his nose. He only said, “I want my mother. I want my father”. Then the man asked him which sweet he would like. The child turned his face. He only said, “I want my mother. I want my father.”

The Lost Child Summary In Hindi

बच्चा मेले में जाता है।
बसन्त ऋतु का मेला था। सभी व्यक्ति इसमें जा रहे थे। कुछ पैदल जा रहे थे। कुछ घोड़ों पर सवार होकर, कुछ बैलगाड़ियों में। छोटा बच्चा अपने माता-पिता के साथ दौड़ा जा रहा था। वह आनन्दमग्न था। जब वह पीछे रह जाता तो उसके पिता उसे आने के लिए कहते। वह दुकानों में खिलौने देखने के लिए पीछे रह जाता था। छोटा बच्चा एक खिलौना चाहता था। परन्तु उसके माता-पिता इसे खरीद नहीं सकते थे। इसलिए उन्होंने उसे दूसरी वस्तुओं की ओर देखने के लिए कहा।
दूसरी वस्तुयें बच्चे को आकर्षित करती हैं।
यह सरसों के फूल आने का समय था। खेत इसके साथ सोने की तरह दिखाई दे रहे थे। सरसों के फूलों पर चिउरा मक्खियाँ उड़ रही थीं। बच्चे ने उनमें से एक को पकड़ने की कोशिश की। परन्तु उसकी माँ ने उसे बुला लिया। वह खुशी से अपने माता-पिता के पास दौड़ गया। उसने फाख्ते के कुजने की आवाज सुनी। तब उसने वृक्षों के झुण्ड से फूलों की पंखुड़ियाँ उठा ली थीं। वह बरगद के वृक्ष के चारों तरफ भी दौड़ा। परन्तु फिर उसे उसके माता-पिता ने बुला लिया था।
माता-पिता के साथ बच्चा मेले में पहुँच जाता है।
शीघ्र ही बच्चा मेले में पहुँच गया। उसने मिठाई विक्रेता को कहते हुए सुना, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, बर्फी, जलेबी”। मिठाई की दुकान भिन्न-भिन्न मिठाइयों से अत्यधिक सजाई हुई थी। मिठाइयाँ देख कर बच्चे के मुँह में पानी आ गया। उसने कहा, “मुझे वह बर्फी चाहिए”। ‘बर्फी’ उसकी पसन्द की मिठाई थी। परन्तु उसके ऐसा कहने के प्रति ध्यान नहीं दिया गया।
मेले के कई प्रकार के दृश्य
बच्चा अपने माता-पिता के साथ आगे बढ़ गया। उसने एक फूल बेचने वाले को कहते सुना, “गुलमोहर की माला”। बच्चा फूलों की टोकरी के पास गया। उसे एक माला चाहिए थी। परन्तु वह जानता था कि उसके माता-पिता उसे वह खरीदने के लिए मनी कर देंगे। इसलिए वह आगे बढ़ गया। तब उसने एक गुब्बारे बेचने वाले को देखा। उसके पास तरह-तरह के रंगों के गुब्बारे थे। बच्चा जानता था कि उसके माता-पिता उसे गुब्बारा नहीं खरीदने देंगे। इसलिए वह आगे बढ़ गया।
बच्चा खो जाता है।
बच्चे ने फिर एक सपेरे को देखा। वह एक सांप के आगे | बांसुरी बजा रहा था। वह सपेरे के समीप गया। परन्तु वह जानता था कि उसके माता-पिता ने उसे इस प्रकार का संगीत सुनने के लिए मना किया था। इसलिए वह आगे बढ़ गया। तब उसने एक झूला देखा। पुरुष, महिलायें और बच्चे आदि इसकी सवारी का आनन्द ले रहे थे। बच्चे ने कहा, “मैं झूला झूलना चाहता हूँ, कृपया, पिता, माता।” परन्तु उसे कोई उत्तर नहीं मिला। बच्चा गुम । हो गया था।
बच्चे की बुरी हालत
बच्चे के गहरे गले से एक पूर्ण गहरी चिल्लाहट निकली। वह चिल्लाया, “माँ, पिता।” उसकी आँखों से आँसू बह निकले। वह चिल्लाता रहा और इधर उधर दौड़ता रहा। परन्तु वह अपने माता पिता को नहीं देख सका। मनुष्य हँसते और बातें करते रहे। तब वह एक मन्दिर की तरफ दौड़ा। वहाँ एक अपार भीड़ थी। बच्चा व्यक्तियों के पैरों के बीचों-बीच कुछ कदम आगे बढ़ा। परन्तु उसे पीछे धकेल दिया गया। एक व्यक्ति ने उसकी चिल्लाहट सुनी। उसने उसे अपने हाथों में उठा लिया।
व्यक्ति बच्चे के माता-पिता को ढूंढने की कोशिश करता है।
व्यक्ति ने बच्चे से पूछा कि वह वहाँ कैसे पहुँचा। उसने उससे उसके माता-पिता के नाम भी पूछे। परन्तु बच्चे ने इतना ही कहा, “मुझे मेरे पिता चाहिएँ।” व्यक्ति बच्चे को झूले के पास ले गया। उसने उससे पूछा कि क्या वह घोड़े की सवारी करना चाहता है। परन्तु बच्चे ने केवल यही कहा कि उसे उसकी माँ चाहिए। तब | व्यक्ति ने उससे पूछा कि क्या उसे गुब्बारा चाहिए ? परन्तु बच्चा | सिसकियाँ भरता रहा। वह अपने माँ बाप को ही चाहता था।
बच्चे को फूल बेचने वाले और मिठाई की दुकान पर ले जाया जाता है।
व्यक्ति फिर बच्चे को फूल बेचने वाले के पास ले गया। उसने उससे पूछा कि क्या वह फूलों की माला अपने गले में डालना चाहेगा। बच्चे ने अपनी नाक मोड़ी। उसने इतना ही कहा, “मुझे मेरी माता चाहिए। मुझे मेरे पिता चाहिएँ।” तब व्यक्ति ने उसे पूछा कि वह कौन-सी मिठाई पसन्द करेगा। बच्चे ने अपना चेहरा मोड़ा। उसने इतना ही कहा, “मुझे अपनी माँ चाहिए। मुझे अपने पिता चाहिएँ।”
 

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