Page No 16:
Question 1:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −छाया भी कब छाया ढूँढ़ने लगती है?
Answer:
जेठ के महीने में धूप इतनी तेज़ होती है कि सिर पर आने लगती है जिससे छाया छोटी होती जाती है। इसलिए कवि का कहना है कि जेठ की दुपहरी की भीषण गर्मी में छाया भी छाया ढूँढ़ने लगती है।Question 2:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है ‘कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात‘ – स्पष्ट कीजिए।
Answer:
बिहारी की नायिका अपने प्रिय को संदेश देना चाहती है पर कागज पर लिखते समय कँपकपी और आँसू आ जाते हैं। किसी के साथ संदेश भेजेगी तो कहते लज्जा आएगी। इसलिए वह सोचती है कि जो विरह अवस्था उसकी है, वही उसके प्रिय की भी होगी। अत: वह कहती है कि अपने हृदय की वेदना से मेरी वेदना को समझ जाएँगे।Question 3:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −सच्चे मन में राम बसते हैं−दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
Answer:
बिहारी जी ईश्वर प्राप्ति के लिए धर्म कर्मकांड को दिखावा समझते थे। माला जपने, छापे लगवाना, माथे पर तिलक लगवाने से प्रभु नहीं मिलते। भगवान राम तो सच्चे मन की भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं।Question 4:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं?
Answer:
कृष्ण जी को अपनी बाँसुरी बहुत प्रिय है। वे उसे बजाते ही रहते हैं। गोपियाँ उनसे बातें करना चाहती हैं। वे कृष्ण को रिझाना चाहती हैं। उनका ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए मुरली छिपा देती हैं।Question 5:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:
बिहारी ने बताया है कि नायक और नायिका सबकी उपस्थिति में इशारों में अपने मन की बात करते हैं। नायक ने सबकी उपस्थिति में नायिका को इशारा किया। नायिका ने इशारे से मना किया। इस पर नायक रीझ गया। इस रीझ पर नायिका खीज उठी। दोनों के नेत्र मिले, नायक प्रसन्न था और नायिका की आँखों में लज्जा थी।Question 1:
भाव स्पष्ट कीजिए–मनौ नीलमनी–सैल पर आतपु पर्यौ प्रभात।
Answer:
इस पंक्ति में कृष्ण के सौंदर्य का वर्णन है। कृष्ण के नीले शरीर पर पीले रंग के वस्त्र हैं। वे देखने में ऐसे प्रतीत होते हैं मानों नीलमणी पर्वत पर प्रात:कालीन धूप पड़ रही है।Question 2:
भाव स्पष्ट कीजिए–जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ–दाघ निदाघ।
Answer:
ग्रीष्म ऋतु की भीषण गर्मी से पूरा जंगल तपोवन बन गया है। सबकी आपसी दुश्मनी समाप्त हो गई है। साँप, हिरण और सिंह सभी गर्मी से बचने के लिए साथ रह रहे हैं।Question 3:
भाव स्पष्ट कीजिए–जपमाला, छापैं, तिलक सरै न एकौ कामु।
मन–काँचै नाचै बृथा, साँचै राँचै रामु।।
Answer:
बिहारी का मानना है कि बाहरी आडम्बरों से ईश्वर नहीं मिलते। माला फेरने, हल्दी चंदन का तिलक लगाने या छापै लगाने से एक भी काम नहीं बनता। कच्चे मन वालों का हृदय डोलता रहता है। वे ही ऐसा करते हैं लेकिन राम तो सच्चे मन से याद करने वाले के हृदय में रहते हैं।Question 1:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −छाया भी कब छाया ढूँढ़ने लगती है?
Answer:
जेठ के महीने में धूप इतनी तेज़ होती है कि सिर पर आने लगती है जिससे छाया छोटी होती जाती है। इसलिए कवि का कहना है कि जेठ की दुपहरी की भीषण गर्मी में छाया भी छाया ढूँढ़ने लगती है।Question 2:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है ‘कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात‘ – स्पष्ट कीजिए।
Answer:
बिहारी की नायिका अपने प्रिय को संदेश देना चाहती है पर कागज पर लिखते समय कँपकपी और आँसू आ जाते हैं। किसी के साथ संदेश भेजेगी तो कहते लज्जा आएगी। इसलिए वह सोचती है कि जो विरह अवस्था उसकी है, वही उसके प्रिय की भी होगी। अत: वह कहती है कि अपने हृदय की वेदना से मेरी वेदना को समझ जाएँगे।Question 3:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −सच्चे मन में राम बसते हैं−दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
Answer:
बिहारी जी ईश्वर प्राप्ति के लिए धर्म कर्मकांड को दिखावा समझते थे। माला जपने, छापे लगवाना, माथे पर तिलक लगवाने से प्रभु नहीं मिलते। भगवान राम तो सच्चे मन की भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं।Question 4:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं?
Answer:
कृष्ण जी को अपनी बाँसुरी बहुत प्रिय है। वे उसे बजाते ही रहते हैं। गोपियाँ उनसे बातें करना चाहती हैं। वे कृष्ण को रिझाना चाहती हैं। उनका ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए मुरली छिपा देती हैं।Question 5:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:
बिहारी ने बताया है कि नायक और नायिका सबकी उपस्थिति में इशारों में अपने मन की बात करते हैं। नायक ने सबकी उपस्थिति में नायिका को इशारा किया। नायिका ने इशारे से मना किया। इस पर नायक रीझ गया। इस रीझ पर नायिका खीज उठी। दोनों के नेत्र मिले, नायक प्रसन्न था और नायिका की आँखों में लज्जा थी।Question 1:
भाव स्पष्ट कीजिए–मनौ नीलमनी–सैल पर आतपु पर्यौ प्रभात।
Answer:
इस पंक्ति में कृष्ण के सौंदर्य का वर्णन है। कृष्ण के नीले शरीर पर पीले रंग के वस्त्र हैं। वे देखने में ऐसे प्रतीत होते हैं मानों नीलमणी पर्वत पर प्रात:कालीन धूप पड़ रही है।Question 2:
भाव स्पष्ट कीजिए–जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ–दाघ निदाघ।
Answer:
ग्रीष्म ऋतु की भीषण गर्मी से पूरा जंगल तपोवन बन गया है। सबकी आपसी दुश्मनी समाप्त हो गई है। साँप, हिरण और सिंह सभी गर्मी से बचने के लिए साथ रह रहे हैं।Question 3:
भाव स्पष्ट कीजिए–जपमाला, छापैं, तिलक सरै न एकौ कामु।
मन–काँचै नाचै बृथा, साँचै राँचै रामु।।
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